आज 22 मार्च हैं, यानी कि JNU में मतदान का दिन! JNU को शुरू से लेफ्टिस्टों का गढ़ माना जाता रहा हैं, और JNU लाल हैं, लाल रहेगा का नारा भी दिया जाता हैं, लेकिन पिछले 7-8 सालों से JNU में नए विचारों का जन्म हुआ हैं, वह हैं अम्बेकरवादी, समाजवादी विचारधारा और इसकी ही देन हैं कि लेफ्ट के गढ़ में अम्बेकरवादीयों का नीला झण्डा जोर-शोर से लहरा रहा है। JNU में BAPSA, CRJD, SP जैसे संगठन ने जातिवादियों पर खुल कर बोलना शुरू कर दिया हैं, आज कैम्पस में सबकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए लगभग सारे दलों ने बहुजन उम्मीदवार की घोषणा की हैं। अब कैम्पस में लाल सलाम के साथ जय भीम, जय फुले का नारा भी लगता हैं। अब कैम्पस में पिछड़े आ कर खुल कर अपने लिए रिज़र्वेशन की मांग करते हैं। अब यह देखना हैं कि अम्बेकरवादीयों की यह लड़ाई क्या इलेक्टोरल पॉलिटिक्स में कामयाब होगी? क्या BAPSA अपने विचारों की लड़ाई को वोट में तब्दील कर पाएगा?