X(formerly “Twitter”) पर trending हुआ #Dictatorship

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दिनांक 21 मार्च 2024 को केंद्र की एक संस्था ED यानि Enforcement Directorate ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर रेड किया और 2 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनके गिरफ्तार होते ही उनके आवास के बाहर कार्यकर्ता जुटने लगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ और लोकतंत्र के निकलते दम पर नारे लगाने लगे शुरू कर दिए। इसे देखते ही उनके घर के पास धारा 144 लगा दी गई और RAF के जवान तैनात कर दिए गए, इसी के साथ साथ ED headquarter के पास अर्धसैनिक बल की 4 कंपनिया तैनात की गई हैं।

क्या है मामला

बता दें कि केजरीवाल को दिल्ली के बहुचर्चित शराब घोटाले में गिरफ्तार किया गया है। इसी मामले में आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह भी जेल में बंद हैं। हालांकि अभी भी इस मामले में एजेंसी कुछ खास साबित नहीं कर पाई है।

प्रतिक्रिया

जैसा की हम सभी देख रहे हैं कि सरकार विरोधी दलों को तोड़ने व विलय करने में लगी हुई है जिससे की 2024 के आम चुनाव में उन्हें भारी बहुमत मिल सके और इन सब कामों में देश की महत्वपूर्ण एजेंसी भी साथ देती प्रतीत होती है, अब ये तो जब सरकार बदलेगी तब ही मालूम हो पाएगा की किस किस संस्था की कितनी भागीदारी रही और किसकी नहीं। केजरीवाल की गिरफ़्तारी के पहले झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और उस समय के सिटिंग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी ईडी ने ऐसे ही गिरफ्तार किया था। उनका मामला भी अभी लंबित है।

बताया जा रहा है की कभी बिहार व जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मालिक ने एक इंटरव्यू में ये भी कह दिया था की आम चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी होगी, और यह देखने की बात है की देश के राजनीतिज्ञों को पहले से ही भाजपा का सारा पैटर्न समझ में आ रहा है की अगला कदम क्या होगा लेकिन बस कोई कुछ कर नहीं पा रहा। देश में कुछ गलत होते देख Chief Justice of India DY Chandrachud अनेकों मुद्दों पर सुनवाई कर रहे हैं और सरकार का जो फैसला गलत लग रहा उसपर रोक भी लगा रहे हैं। अब ये देखने वाली बात रहेगी की मुख्यमंत्रियों के गिरफ्तारी और सांसद-विधायकों की खरीद फरोख्त में शामिल पार्टियों के खिलाफ़ कुछ फैसला आता है या आम चुनाव में मामला एकतरफा होता दिखेगा।