आज दिल्ली हाई कोर्ट में केजरीवाल के याचिका पर सुनवाई हुई. केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी आज कोर्ट रूम में काफी आक्रामक तैयारी के साथ बहस करते दिखे. उन्होंने PMLA के section 19 को आधार बनाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के पद पर बैठे व्यक्ति को ऐसे सिर्फ शक के आधार पर गिरफ्तार करना ठीक नहीं, यह संविधान के मूल ढांचे पर प्रहार करने जैसा है. Section 19 के तहत ED को गिरफ्तारी का बताना होगा. उन्होंने आगे कहा कि ED उन पर क्यों ध्यान नहीं दे रही जिन्हें 50 करोड़ का का चंदा Electoral bond के जरिए मिला और वो भी उनसे जो इस तथाकथित घोटाले में पहले आरोपी बनाए गए थे और अब सरकारी गवाह बन कर जेल से बाहर हैं.
हालांकि कोर्ट में ED ने कहा कि उन्हें जवाब देने में तीन सप्ताह का समय चाहिए. अब सोचने वाली बात ये है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने वक्त ED के पास सबूत थे तो कोर्ट को जवाब देने में आखिर तीन सप्ताह का समय क्यों चाहिए, कहीं ये ED के राजनीतिक इस्तेमाल की ओर तो इशारा नहीं कर रही की कोई आएगा और उन्हें इन दुविधाओं से बचाएगा.
कोर्ट ने अपने फैसला सुनाने के पहले ED का पक्ष सुनना चाहती है, और अगली सुनवाई होने के बाद ही कुछ फैसला दे पाएगी.