झारखंड के धनबाद लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र में प्रत्यासी का टिकट जारी होता है और प्रत्यासी का नाम आता है Dhullu Mahto, इन्हें धनबाद के लोग आतंक राज का राजा भी कहते हैं, कहा जाता है इन्होंने बीते 40 सालों में करीब 5000 करोड़ रुपए की लूट किया है लेकिन जनसंवाद इसकी पुष्टि नहीं करता लेकिन अगर जनता ही इस बात पर प्रदर्शन कर रही है की उन्हें ऐसा नेता नहीं चाहिए तो बात तो जरूर कुछ होगी. इनपर दुष्कर्म का भी मुकदमा चल रहा है. सवाल ये भी आता है की आखिर क्या मजबूरी है भाजपा के पास कि अब अपराधिक छवि वाले व्यक्तियों को टिकट देने लग गया है? क्या यहां भी बचपन में खेले गए क्रिकेट के जैसा नियम तो नहीं की जो ज्यादा पैसे का इन्वेस्टमेंट करेगा जैसे की बैट खरीदने वाले को पहले बैटिंग मिलेगी. एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार और आतंक से मुक्त भारत की बात कहते हैं वही दूसरे तरफ अपराधिक छवि वालों को टिकट देने पर चुप्पी साधे दिखते हैं.
हालांकि प्रधानमंत्री की चुप्पी कोई नई नहीं है, हाल फिलहाल में लद्दाख में सोनम वांगचुक के अनशन को देखा जाए या किसान आंदोलन को या फिर वृजभूषण सिंह पर लगे गंभीर आरोपों के बाद भी उन्हें पार्टी से मिले सपोर्ट की बात करें सब पर हमारे प्रधानमंत्री की चुप्पी रहती है. क्या सिर्फ विपक्ष पर बोलने के लिए और अपनी उपलब्धि गिनाने के लिए प्रधानमंत्री बोलेंगे? देखना ये है की भारतीय जनता पार्टी धनबाद लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र में प्रत्यासी बदलता है या फिर इस मामले पर भी जनता को ऐसे ही नजरंदाज कर दिया जायेगा.