करोड़ों दलितों की आवाज़ थी समता

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Pic credit: Vivek Kamble X

#DalitHistoryMonth

आज के दलित इतिहास में हम जानेंगे समता अख़बार की, जिसे 29 जून, 1928 को बाबासाहेब द्वारा शुरू किया गया था। जब देश के नेता आज़ादी की लड़ाई में देशहित की बात कर रहे थे तब बहुत कम ही नेता ऐसे थे जिन्होंने जातिगत भेदभाव, दलित उत्थान को देशहित के मुद्दे मानते थे, तभी बाबासाहेब ने देश के वंचितों को यह रास्ता दिखाया कि आपको अपने लिए खुद बात करनी होगी, और अपनी पत्रकारिता खड़ी करनी होगी जिसमें आपके विकास को देशहित का हिस्सा माना जाए और समता अख़बार इन सारे समस्याओं का विकल्प था जिसका शाब्दिक अर्थ ही है सबके बीच समानता।

इस अख़बार में दलितों की मौजूदा स्थिति पर प्रकाश डाला, और उनके बीच की समस्याओं के साथ –साथ उसके उपायों की भी चर्चा की।

इस अखबार को समता समाज संघ का मुखपत्र भी कहा गया है, जिसमें हरेक जाति के लोग विद्यमान थे, उनमें से एक नाम बाबासाहेब का भी था। इस संघ समाज में समानता का संदेश दिया, जैसे मंदिरों में अछूतो के प्रवेश की लड़ाई लड़ी, गणेशोत्सव में दलितों की भागीदारी सुनिश्चित की।