#DalitHistoryMonth
आज के दलित इतिहास की श्रीखंला में हम जानेंगे जनता अख़बार के बारे में जिसकी शुरुआत बाबासाहेब द्वारा 1930 में हुई थी, जिसे 26 साल बाद बाबासाहेब ने प्रबुद्ध भारत में बदल दिया था, ऐसा उन्होने इसलिए किया था कि क्योंकि वह उस समय एक आंदोलन चला रहे थे जिसमे अछूत हिंदू धर्म को छोड़ बौद्ध धर्म को अपना रहे थे।
बाबासाहेब ने यह अख़बार अपने जीवन के आखिरी दम तक चलाया, उनकी मृत्यु के बाद उनके बेटे ने इसे चलाने की कोशिश की, लेकिन बाबासाहेब की असमायिक मृत्यु और आर्थिक तंगी के कारण यह अख़बार 1960 में बंद हो गया। 1980–1990 के दशक में इसे पुनर्जीवित करने की कोशिश की गई लेकिन हर बार कुछ महीने चलने के बाद यह बंद हो गई।