असम में मुस्लिम मैरिज एंड डिवोर्स एक्ट को खत्म करने का निर्णय

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Pic credit: SheThePeople

असम कैबिनेट ने शुक्रवार को मुस्लिम विवाह और तलाक पर ब्रिटिश शासन के दौर में लागू किए गए ‘मुस्लिम मैरिज एंड डिवोर्स रजिस्ट्रेशन एक्ट’ को रद्द करने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस एक्ट को अंग्रेजी शासन के समय का कानून बताया और कहा कि आज के समय में इसका कोई आवश्यकता नहीं है। इस समय पर यह कानून अर्थहीन है, ऐसा उनका दावा है। अब सवाल उठता है कि असम सरकार ने इस कानून को क्यों रद्द किया?

चर्चाओं के बीच, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि असम कैबिनेट द्वारा लिया गया यह कदम राज्य सरकार को बाल विवाह को रोकने में मदद पहुंचाएगा। मुख्यमंत्री ने जिस बयान को दिया, उस पर ध्यान देने पर पता चलता है कि जो कानून रद्द किया गया है, वह किसी न किसी रूप में बाल विवाह से जुड़ा हुआ है। इस पर विस्तार से बताते हुए सरकार ने कहा कि मुस्लिम मैरिज एंड डिवोर्स रजिस्ट्रेशन एक्ट के प्रावधानों के अनुसार, 21 वर्ष (पुरुषों के लिए) और 18 वर्ष (महिलाओं के लिए) से कम उम्र के लड़के-लड़की की शादी को कानूनी अनुमति देने की गुंजाइश बनी हुई है. इसलिए इसे रद्द करना जरूरी था.