शोर..

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Credit : create__rational(instagram)
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मरती आवाज़ो के बीच
हक़्क़ो-हुक़ूक़ माँगना मना है,

एक सन्नाटा फैला है हवाओं में,
सर्द पड़ते जा रहे सांविधानिक मूल्यों पे,
गुफ़्तुगू करना मना है, चूप रहो,
यह लिखना भी मना है-2

जबां ख़ामोश औ’ क़लम बंद जेलों में,
उन्मादी देशभक्ति शोरों के बीच में,
तुम भी देशभक्त हो, मत कहो,
यह साबित करना भी मना है-2

न्याय उनका, सजा हमारा की रुत में,
कराहती संस्थाओं के रूप में,
हक़्क़ो-हुक़ूक़ माँगना मना है,
क़ातिल वे हैं, याद रखना भी मना है-2

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