कांग्रेस के 6 विधायक बीजेपी में शामिल

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Pic credit: Times of India

लोकसभा के आते ही नेताओं की खरीद-फरोख्त चालू हो गई हैं। हिमाचल प्रदेश के चेतन शर्मा, सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, इंद्र दत्त लखन पाल, देवेंद्र भुट्टो ने बीजेपी के दिल्ली दफ़्तर में सदस्यता ली, इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे जिन्होंने कहा है कि ये विधायक मोदी जी के विकसित भारत के सपने में शामिल होने आए हैं और आप सभी जानते हैं कि मोदी जी ने हिमाचल को अपना दूसरा घर माना है और हिमाचल प्रदेश में अनेक विकास के काम भी किए हैं। अब यह देखना हैं की लोकसभा चुनाव के पहले कितनी हॉर्स ट्रेडिंग होगी।

लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक उठापटक: हिमाचल में विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप तेज़

लोकसभा चुनाव नज़दीक आते ही देशभर में राजनीतिक दलों के बीच जोड़-तोड़ की गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं। खासकर हिमाचल प्रदेश में हाल ही में बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिला, जब कांग्रेस के छह विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होकर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी। इन नेताओं में चेतन शर्मा, सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, इंद्र दत्त लखन पाल और देवेंद्र भुट्टो शामिल हैं। इन सभी ने दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में केंद्रीय नेताओं की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

अनुराग ठाकुर का बयान: “मोदी जी के सपने को पूरा करने आए विधायक”

बीजेपी में शामिल होने के इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि ये सभी विधायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के सपने का हिस्सा बनने के लिए बीजेपी में आए हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी हिमाचल प्रदेश को अपना दूसरा घर मानते हैं और प्रदेश के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएँ लागू की हैं। अनुराग ठाकुर ने कहा,

“मोदी जी का सपना है कि भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाया जाए। हिमाचल प्रदेश भी इस सपने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जो विधायक आज हमारे साथ आए हैं, वे इस विकास यात्रा में भागीदार बनने के लिए बीजेपी में शामिल हुए हैं।”

विपक्ष का हमला: “लोकतंत्र की हत्या, विधायकों की खरीद-फरोख्त जारी”

हालांकि, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस राजनीतिक घटनाक्रम को ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया है। कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी पर ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ यानी विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया और कहा कि बीजेपी लोकतांत्रिक मूल्यों की खुलेआम धज्जियाँ उड़ा रही है। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश सरकार में मंत्री रहे नेताओं ने आरोप लगाया कि बीजेपी धनबल और सत्ता के दबाव से विधायकों को खरीदने में लगी हुई है।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,

“बीजेपी को लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर कोई भरोसा नहीं है। पहले कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गोवा और महाराष्ट्र में उन्होंने सत्ता हथियाने के लिए जनादेश की चोरी की, अब हिमाचल प्रदेश को भी अस्थिर करने की साजिश रची जा रही है। कांग्रेस जनता के सामने इस साजिश को बेनकाब करेगी।”

राजनीतिक विश्लेषण: चुनाव से पहले दल-बदल की राजनीति जारी रहेगी?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह सिलसिला यहीं नहीं रुकेगा। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नज़दीक आएंगे, वैसे-वैसे और भी नेता दलबदल कर सकते हैं। बीजेपी का लक्ष्य स्पष्ट है—कांग्रेस और अन्य दलों के प्रभावशाली नेताओं को अपनी पार्टी में लाकर चुनाव से पहले अपनी स्थिति मजबूत करना।

हिमाचल प्रदेश में यह घटना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह राज्य परंपरागत रूप से कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला देखने वाला क्षेत्र रहा है। हाल ही में कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज कर सरकार बनाई थी, लेकिन विधायकों के इस तरह पार्टी छोड़ने से प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ सकती है।अब बड़ा सवाल यह है कि लोकसभा चुनाव से पहले और कितने विधायक या नेता पाला बदलते हैं? क्या बीजेपी इस रणनीति से राज्यों में अपनी स्थिति मजबूत कर पाएगी, या फिर यह रणनीति उलटी पड़ सकती है? और क्या कांग्रेस अपनी पार्टी में हो रहे इस सेंधमारी को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी?

हिमाचल प्रदेश की राजनीति में यह बड़ा उलटफेर लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों को और तेज़ कर रहा है। बीजेपी जहां इसे ‘विकास यात्रा’ का हिस्सा बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे ‘लोकतंत्र की हत्या’ के रूप में देख रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस राजनीतिक घटनाक्रम का असर आगामी चुनावों पर कितना और कैसे पड़ता है।

Dimple Kumar writes on socio-political issues related to the crucial events of our times. For further enquiries-dimple1889h@gmail.com