प्रशासन के नजर में माफिया और गरीबों का मसीहा कहे जाने वाले पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के शव को कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्दे –खाक कर दिया गया हैं। इस मौके पर उनके आवास पर हजारों की भीड़ इकट्ठी थी, और भीड़ मुख्तार जिंदाबाद के नारे भी लगा रही थी। बता दें कि मुख्तार अंसारी बांदा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे थे, इसी बीच उनकी तबीयत बिगड़ी और गुरुवार रात को उनकी मौत भी हो गई। जनाजे में शामिल होने के लिए उनके बेटे अब्बास अंसारी ने कोर्ट से इजाजत मांगी थी लेकिन उन्हें इजाजत नही मिली। उनके जनाजे में उनकी पत्नी अफसा एवम बेटे अब्बास को छोड़ कर परिवार के सारे लोग मौजूद थे।

मुख्तार अंसारी की मौत पर उनके परिवार वालों ने संदेह जताया है, और आरोप लगाया है कि उन्हें जेल में धीमा ज़हर दिया जा रहा था, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ती रही और इलाज न होने के कारण उनकी मौत हो गई। मुख्तार अंसारी के बारे में जब स्थानीय लोगों से पूछा गया कि वह उनके बारे में क्या राय रखते हैं तो उन्होंने बताया कि यह सत्य है कि उन्होंने हथियार उठाए लेकिन उनके हथियार हमेशा गरीब–मजलूमों को न्याय दिलाने के लिए उठे। वह सरकार की नजर में भले हीं माफिया हो लेकिन उनके वजह से पिछड़ों की आवाज बुलंद हुई हैं।