#DalitHistoryMonth
आज के सीरीज में हम जानेंगे बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा स्थापित की गई बहिष्कृत हितकारिणी सभा के बारे में, जिसकी स्थापना 20 जुलाई 1924 को मुंबई में हुई थी। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, बहिष्कृत हितकारिणी सभा मतलब यह उनलोगो के लिए है, जो समाज से बहिष्कृत है।
अछूतों के शैक्षणिक उत्थान के लिए 9 मार्च 1924 को बाबासाहेब ने बॉम्बे के दामोदर हॉल में एक बैठक बुलाई, जिसमे अछूतों के शिक्षा और उनके सर्वांगीण विकास के लिए एक संस्थान के निर्माण की बात की गई, जिसकी उपज है, बहिष्कृत हितकारिणी सभा।
इस संस्था के मुख्य उद्देश्य था –
–देश के दलितों के बीच एक सामाजिक आर्थिक जागरूकता पैदा करना।
–छात्रावास बनाना, जिसमें दलित रह कर मुफ़्त में अपनी पढ़ाई कर सके।
– औद्योगिक एवम कृषि विश्विद्यालय खोले जाए जिससे दलितों की शैक्षणिक एवम आर्थिक स्थिति में सुधार आए।
– दलितों से जुड़े समस्याओं को एक प्लेटफार्म मिले, जहां उसका निवारण हो सके।
इस संस्था के तहत शोलापुर में एक हॉस्टल खुला, जहां छात्रों के पढ़ने–लिखने से लेकर रहने का उत्तम प्रबंध किया गया था, और वहां के नगरपालिका से बाबासाहेब ने उस हॉस्टल को 40,000 का अनुदान भी दिलवाया था।