लोकसभा चुनावों की जानकारी पत्रकारिता के माध्यम से ही लोगों तक पहुंच रही है, और आज के दौर में ऑनलाइन पत्रकारिता का क्रेज है, लोग यूट्यूब, X, फेसबुक, इंस्टाग्राम के माध्यम से विभिन्न प्रकार के ज्ञान से रूबरू हो रहे है। इसी कड़ी में पत्रकारों का ऐसा मानना है कि जो भी मीडिया, दलित, शोषित, वंचित की बात कर रही है, या सरकार के नीतियों के खिलाफ़ मुखर हो कर विरोध कर रही है, सरकार उन्हें बंद कराने की कोशिश कर रही है, हाल ही में बोलता हिंदुस्तान जो की एक ऑनलाइन मीडिया है का चैनल सरकार के निर्देश पर यूट्यूब द्वारा बंद कर दिया गया है, और आज नेशनल दस्तक को भी नोटिस आया है की यदि उनकी किसी भी गतिविधियों से सरकार को ठेस पहुंचती है तो उनका भी चैनल बंद हो सकता है।
बता दें कि नेशनल दस्तक के वरिष्ठ संपादक शंभू सिंह इस बार वैशाली से लोकसभा उम्मीदवार है, और वह इस बार चाहते है की वैशाली, बिहार को एक बहुजन सांसद मिले क्योंकि पिछले सात दशक में वैशाली के सांसद सवर्ण ही रहे है।
सोशल मीडिया पर बहुत तरह के प्रतिक्रिया दर्ज हो रही है, जिसमें कुछ लोग यह भी कह रहे है कि चूंकि नेशनल दस्तक बहुजनो की आवाज़ बुलंद करता है, और वह सरकार का रवैया बहुजनों के प्रति दिखाते हैं, इसलिए सरकार उनके पीछे पड़ी है, दूसरा लोग यह भी कह रहे है कि शंभू सिंह का वैशाली से चुनाव लड़ना, बीजेपी को भारी पड़ सकता है इसलिए भी सरकार उनका चैनल जो की उनका अस्तित्व है बंद कराना चाहती है।