समलैंगिक समुदाय यानि की LGBTQIA, के लिए कैबिनेट सचिव के तहत एक समिति का गठन किया है, जो समलैंगिक समुदाय से होने वाले भेदभाव, इनके मुददे, उनके विकास पर काम करेगी।
हम यह देखते है कि आज़ादी के सात दशक बाद भी समलैंगिक समुदाय को समान अधिकार नही मिले हैं, हाल ही में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से निराशा मिली है जिसमें उनके विवाह को कानूनी मंजूरी नही मिली है, सुप्रीम कोर्ट का मानना था कि विवाह के कानूनी प्रावधानों पर विचार करना केंद्र एवम राज्य सरकारों का है, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से एक समिति बनाने के लिए कहा था जो LGBTQIA समुदायों के मुद्दे, अधिकारों, विकास पर विचार करे।