TISS ने दलित शोधार्थी को निलंबित किया

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Pic credit: Ramdas Prini Instagram

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस मुंबई ने रामदास प्रीनि शिवानंदन जो कि एक दलित पीएचडी स्कॉलर है को संस्थान से 2 साल के लिए निलंबित कर दिया है। उन पर आरोप यह है कि वह देश के तत्कालीन सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ़ अपनी आवाज़ को उठाते है, उन्होने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा है जिसमें वह लोगो को प्रोत्साहित करते हुए नज़र आ रहे है कि लोग ’राम के नाम’ जो कि एक डॉक्यूमेंट्री है को देखे, हाल ही उन्होंने पार्लियामेंट मार्च में भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित की थी। यह सब TISS प्रशासन को नागवार गुजरा और उन्हें केवल मुंबई के लिए ही नही निलंबित किया गया उनका TISS के अन्य ब्रांच तुलाजपुर, हैदराबाद, गुवाहाटी में भी प्रवेश करना निषेध है। प्रशासन का ऐसा मानना है कि रामदास छात्र कम राजनैतिक कार्यकर्ता ज्यादा लगते है, ऐसे में संस्थान के अन्य छात्रों पर बुरा असर पड़ता है।

रामदास प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स फोरम छात्र संगठन से जुड़े है, रामदास के निलंबन पर फोरम का यह कहना है कि रामदास के किसी भी कदम को संस्थान का प्रशासन राष्ट्रद्रोही कदम मानती है, संस्थान ने रामदास पर ‘भगत सिंह मेमोरियल लेक्चर’ के तहत विवादित वक्ताओं को बुलाने का भी आरोप लगाया है, इस तरीके के हथकंडे अपना कर संस्थान छात्रों के अभिव्यक्ति की आज़ादी पर रोक लगाना चाहती है।