कनाडा के जस्टिन ट्रूडो सरकार ने चुनाव-उन्मुख विदेश नीति अपनाकर भारत के साथ संबंधों को खराब कर लिया है। अपनी जनता का ध्यान भटकाने के लिए यह सरकार विदेश नीति का सहारा ले रही है। यह सरकार पहले चीन के साथ संबंधों को खराब कर इसका लाभ उठा चुकी है और अब भारत के साथ संबंध बिगाड़कर चुनाव जीतना चाहती है। अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए जस्टिन ट्रूडो सरकार ने पहले चीन और अब भारत को निशाना बनाया है। कनाडा के अनुसार, चीन में तानाशाही है और भारत में असफल लोकतंत्र। जस्टिन ट्रूडो सरकार ने भारत पर राजनीतिक हत्या कराने, साइबर हमलों और अपनी सरकार को गिराने का आरोप भी लगाया है।
भारत और कनाडा की अर्थव्यवस्था, शिक्षा, और सैन्य ताकत में महत्वपूर्ण अंतर हैं। आइए इन तीन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में दोनों देशों की तुलना करते हैं:
1. अर्थव्यवस्था
भारत और कनाडा दोनों में मजबूत अर्थव्यवस्था है, लेकिन उनकी संरचना और प्राथमिकताएं भिन्न हैं।

भारत की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र हैं। तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था ने हाल के वर्षों में तकनीकी, सूचना प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप्स में विशेष प्रगति की है। हालांकि, भारत के प्रति व्यक्ति आय कनाडा से काफी कम है, क्योंकि जनसंख्या बहुत बड़ी है। भारत का आर्थिक विकास 2017 से लगातार बढ़ रहा है और कई वैश्विक चुनौतियों के बावजूद स्थिर है।

कनाडा, जो कि एक विकसित राष्ट्र है, प्राकृतिक संसाधनों जैसे तेल, गैस, और खनन पर निर्भर करता है। इसके अतिरिक्त, कनाडा का सेवा क्षेत्र भी बहुत उन्नत है, खासकर वित्तीय सेवाओं और पर्यटन में। यह देश उच्च जीवन स्तर और मजबूत आर्थिक आधार के लिए जाना जाता है। एक समान संस्कृति होने के कारण कनाडा का व्यापार अपने पड़ोसी अमेरिका के साथ अधिक होता है, जो उसकी आर्थिक स्थिरता को बनाए रखता है।
2. शिक्षा
शिक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों ने अपने-अपने तरीके से विकास किया है:

भारत में शिक्षा प्रणाली विशाल और विविधतापूर्ण है, जहाँ प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। हालाँकि, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी भारत ने बहुत प्रगति की है । लेकिन, शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधनों की कमी की बड़ी समस्याएँ हैं।
कनाडा का शिक्षा तंत्र विश्व में उच्च स्थान पर है। कनाडा अपने उच्च गुणवत्ता वाले विश्वविद्यालयों और अनुसंधान कार्यक्रमों के लिए जाना जाता है, जिस कारण यह भारतीय विधार्थियो के बीच भी लोकप्रिय है। यहाँ की शिक्षा प्रणाली में अत्यधिक सरकारी निवेश और अच्छी प्रशासनिक सुविधाएँ है।
3. सैन्य शक्ति
सैन्य दृष्टि से, भारत और कनाडा के रणनीतिक उद्देश्यों और संसाधनों में बड़ा अंतर है:

भारत की रक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य अपनी सीमाओं की रक्षा करना है। भारत की सेना आकार में बहुत बड़ी है और उसमें लाखों सक्रिय और रिज़र्व सैनिक हैं। भारत विश्व का चौथा सबसे ताकतवर सैन्य शक्ति है l भारत अपनी जनसंख्या, इतिहास और आक्रामक पड़ोसियों के कारण सैन्य शक्ति बढ़ाने पर ध्यान देता है l
Rank (Oct 2024) | Country | INDEX Overall | Total Combat Aircraft |
1 | USA | 0.0699 | 13,209 |
2 | RUSSIA | 0.0702 | 4,255 |
3 | CHINA | 0.0706 | 3,304 |
4 | INDIA | 0.1023 | 2,296 |
5 | S. KOREA | 0.1416 | 1,576 |
6 | UK | 0.1443 | 664 only |
7 | JAPAN | 0.1601 | 1,459 |
8 | TURKEY | 0.1697 | 1,069 |
9 | PAKISTAN | 0.1711 | 1,434 |
10 | ITALY | 0.1863 | 800 |
कनाडा का सैन्य बल आकार में छोटा है लेकिन अत्यधिक प्रशिक्षित और तकनीकी रूप से उन्नत है। कनाडा की सेना नाटो के साथ एकीकृत है ।
निष्कर्ष
यदि कोई भी देश आतंकवाद को बढ़ावा दे तो उसे कुछ मौको पर फायदा मिल सकता है, लेकिन लम्बे समय के लिए यह देश के भविष्य को खराब करता है, भारत हो या कनाडा दोनों देशो को विवाद से बचना चाहिए और यदि आपसी मैत्री रखेंगे तो दोनों का भला होगा.

– डिंपल कुमार, सामाजिक -आर्थिक मुद्दों में रूचि रखते है.
नोट: यह लेखक के अपने विचार है.